सावधानी – कई बैंक सोने की गुणवत्ता पर सवाल उठा कर दे रहे काम कर्ज
गोल्ड लोन में कई तरह की गड़बड़ियां सामने आई है आरबीआई में जांच में पाया है कि कई बैंक एनबीएफसी गुणवत्ता पर सवाल उठाकर ग्राहकों को गिरवी रखे जेवर के बदले में कम लोन दे रहे हैं ।
यह वित्तीय कंपनियां जानबूझकर सोने की कम कीमत आंक रही है जिससे ग्राहक को चपत लग रही है आमतौर पर गोल्ड लोन 3 साल की अवधि तक के लिए मिलता है।
ब्याज दर में भी भारी अंतर
गोल्ड लोन पर ज्यादा ब्याज वसूलते हैं सरकारी बैंक 8.75% से लेकर 11% तक ब्याज लेते हैं। बीएनबीएफसी ब्याज दर 36% तक है प्रोसेसिंग फीस में भी बहुत बड़ा अंतर है
यह गड़बड़ियां आई है सामने
कंपनियां 22 कैरेट सोने के आभूषणों को 20 या 18 कैरेट का बता देती हैं इससे सोने का मूल्यांकन कम हो जाता है और ग्राहकों को कम लोन मिलता है।
लोन टू वैल्यू रेशों- LTV बताता है कि पृथ्वी रखे सोने के बदले कितना लोन मिल सकता है
कम होने से ग्राहक की लोन चुकाने की क्षमता प्रभावित होती है ग्राहक कर्ज न चुका पाए तो कंपनी उसे सोने की नीलामी कर फायदा उठाती है।
लोन की जरूरी शर्तें-
जी सोनी को गिरवी रखा जा रहा है वह कम से कम 18 कैरेट शुद्ध होना चाहिए बैंक गहनों और सोने के सिक्कों के बदले ही लोन देते हैं।
50 ग्राम से ज्यादा वजन के सोने के सिक्के गिरवी नहीं रख सकते। वित्तीय संस्थान गोल्ड बार भी गिरवी नहीं रख सकती।
सस्ता कर्ज लेकिन जोखिम भी
सुरक्षित कर्ज की श्रेणी में आता है इसलिए यह सस्ता भी है बैंक एनबीएफसी को लोन के बदले सोने की गारंटी मिलती है ग्राहक समय पर लोन नहीं चुका पाता तो वित्तीय संस्थान गिरवी रखे सोने को नीलाम कर पैसा वसूलते हैं।
यह सावधानियां बरतें और धांधली से बचें-
- गुणवत्ता की जांच मामूली शुल्क में यह सुविधा देते हैं केराटोमीटर से सोने के कैरेट की जांच होती है केरट सर्टिफिकेट मिलता है
2.हॉलमार्क – ज्वेलरी का हॉलमार्क कारण हॉलमार्क वाली ज्वेलरी की वैल्यू कम नहीं आ सकते
- विश्वसनीयता जांच-
इसका विशेष ध्यान रखें कि जहां से लोन ले रहे हैं वहां भरोसेमंद वित्तीय संस्थान हो। - ब्याज दर शुल्क-
कौन सा वित्तीय संस्थान कितना ब्याज और शुल्क दे रहा है की तुलना करने के बाद ही गोल्ड लोन के लिए आवेदन करें
शर्तों को पढ़ें-
कई संस्थान सही समय पर EMI नहीं मिलने पर हर महीने ब्याज दर बढ़ाते जाते हैं इसलिए लोन लेने से पहले शर्तों को अच्छी तरीके से पढ़ें।